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सदाबहार ( सदाफूली ):एवरग्रीन प्लांट

 नमस्ते ब्लॉग मेंबर्स 🙏🏻 मैं अच्छी हूँ |आशा करती हूँ आप सब भी अच्छे होंगे|चलिए आज रूबरू होते हैँ सदाबहार से |सदाबहार का पौधा देखा हैँ ना आप सबने |जी वही सदाबहार जो कहीं भी उग जाता है और हर मौसम में रहता है |इसलिए वह सदाबहार कहलाया जाता है |सदाबहार में खुशबू नहीं होती पर इसके फूल बहुत सुन्दर दिखते हैँ |

ये 12 महीने खिला रहता है |इसकी आठ जातियाँ हैँ  जिनमें से सात तो मदगास्कर में ही पाई जाती है |इसकी आठवीं जाति भारतीय उपमाहाद्वीप में पाई जाती है |इसका वैज्ञानिक नाम है : Catharanthus Roseus

इसका अंग्रेजी नाम पीरिविंकल है |ये पौधा फूलदार झाड़ी जैसे उगता है |

हर भारतीय भाषा में नाम :

ओड़िया : अपनस्कान्ति

तमिल : सदाकाडू मल्लिकाई

तेलुगु : बिल्लागन्नेस्त्र

पंजाबी : रत्नजोत

बांग्ला : नयनतारा

मराठी : सदाफूली

मलयालम : उषामालरी

इसके श्वेत व बैंगनी रंग के फूल आते हैँ |ये सुन्दर आभावाले छोटे गुच्छे जैसे बारह महीने देखने को मिलते हैं |

वनस्पतिक संरचना :

ये झाड़ी वैसे तो इतनी जानदार होती है और जो इसका दूध निकलता है वो भी जेहरीला होता है |पत्तियाँ कड़वी होती है |

औषधिय गुण :

ये खांसी, गले की खराश, फेफड़ों के संक्रमण, मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में लिए जाते हैं |इसमें क्षार है जो रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित रखता है |इसे केंद्रीय औषधिय एवं सुगंध पौधा संस्थान ने भी बहुत उपयोगी माना है |सदाबहार की पत्तियों में "विनिकरस्टीन " नामक पदार्थ जो कि कैंसर में काम में आता है|

ये पौधा बगिचो में एक लोकप्रिय पौधा बन चुका है |पहले ये गुलाबी रंग के होते थे पर अब ये बैंगनी, पेप्पर mint कूलर के रंगों में भी पाए जाते हैँ |

सदाबहार में अलकालोईड्स पाये जाते हैँ |7-8 पत्तियों को हल्का पीस के निचोड़ कर पीने से डाईबेटिस की शिकायत दूर हो जाती है |

इसकी खास बात ये है की इसके आस पास कीट, फतंग, बिच्छू या सर्प आदि नहीं आते क्यूंकि इसकी सुगंध इतनी कसैली होती है |

इसकी पत्तियों के रस का उपयोग हड्डा डंक यानि की ततैया की डंक के लिए भी उपयोग में लिया जाता है |

इसके पौधों की जड़ो की छाल उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, अवसाद और चिंता रोग ( Anxiety) में प्रयोग में लिए जाते हैँ |इसके पत्ते दर्दनाशक होते हैँ |

हमारे बालों के लिए इसके फूलों का पाउडर बना कर इस्तेमाल करना चाहिए | एक कटोरी फूल को धोकर धूप में सुखा लीजिये और फिर हेयर पैक के रूप में प्रयोग में लीजिए |कील, मुहासे में भी उपयोगी है |

चमकदार काले बालों के लिए हेयर पैक में भी यूज़ कर सकते हैं | उसके लिए आपको अरंडी का तेल-1 चम्मच, नारियल तेल -2 चम्मच और सदाबहार फूल -6-7 और आधा नीम्बू लेना है और  सबको मिक्सर में पीस करके अपने स्कैल्प में लगाना है | फिर शैम्पू से धो लीजिये. सप्ताह में दो बार यूज़ कीजिये, असर दिखेगा |

ये सारे सदाबहार के घरेलु नुस्खे हैँ पर कुछ भी आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें |

कुछ पंक्तियाँ :

सदाबहार के फूल :

अपने आँगन में मैंने गुलाब के फूल लगाए हैँ,

संयोग से सदाबहार के फूल साथ ही उग आये हैँ

अक्सर ही सदाबहार को देखती हूँ मैं

और रोज़ गुलाब को सींचती हूँ मैं

गुलाब की कलियाँ खिलने के कगार पर हैँ अभी

पर ये सदाबहार सुबह शाम लेहराये हैँ

लाल गुलाब अब सुर्ख हो गए

पर मदमस्त सदाबहार कई रंग लाये हैँ

गुलाबों की भीनी महक से भर उठा हैँ आँगन

पर सदाबहारों में महक नहीं

ये खुद को ही बिखराये हैँ

आज एक गुलाब तोड़ा तो उसके कांटे से खून उछर आया है

तब सदाबहार के कोमल फूलों से मैंने घाव मिटाये हैँ ||

-shristi tiwari

Two buds had promised to stay together,

Months later two periwinkles

Bloomed on the same branch.

-Atmaja sindopadhyaya







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