नमस्ते ब्लॉग मेंबर्स 🙏🏻 कैसे हैं आप सब लोग? आशा करती हूँ की सब सकुशल होंगे | आज मैं ये ब्लॉग हिंदी में लिखूँगी क्यूंकि मुझे लगता है की आपको मेरे हिंदी ब्लॉग्स ज़्यादा पसंद हैं |आज रूबरू होते हैं चंपा से |चंपा : नाम तो बड़ा अच्छा है पर ये वही चंपा है जो खिला हुआ होता है पेड़ पर |
और अपनी भीनी भीनी ख़ुशबु से सबको अपनी तरफ आकर्षित करता है |चलिए चंपा के बारे मै जाने कुछ रोचक बातें |
चंपा :
फूल हमारी प्रकर्ति की सुंदरता का प्रतीक होते हैं |इन्ही फूलों में से एक है Frangipani/Plumeria. यह फूल बहुत सुन्दर और आकर्षक होता है |इसे हिंदी में चंपा कहते हैं जिसका मतलब है जीवन में नयी शुरुआत करना|इसका उपयोग हिंदी संस्कृति में किया जाता है |चंपा का फूल भक्ति और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है |बुद्ध धर्म में यह अमरता का प्रतीक है |
चंपा को गुलचीन भी कहा जाता है |यह फूल dogbane परिवार के ऐपॉसीनाऐसी फूलों के पौधों का एक जिन्स है |
Frangipani नाम इटली के कुलीन परिवार के सोलहवी सादी के मार्किस से लिया गया था |फ़ारसी में इसका मतलब है यास या फिर यास्मीन |यह फूल मध्य अमेरिका में ग्रेटर एंटीलीज़ का मूल निवासी है |प्रनपाती झाड़ियां या छोटे पेड़ के रूप में होती है |मध्य अमेरका,कर्रिबीन और मैक्सीको में पायी जाती है |
यह फूल सबसे ज़्यादा सुगन्धित रात के समय होता है |इसमें किसी प्रकार का रस नहीं होता पर ये फूल चकमा दे देते हैं |जिससे की कीट, पतंग फूलों पे आकर बैठ जाते हैं जिससे फूलों का परागन होता है |यह फूल या वृक्ष मध्यम आकार का होता है |यह एक झाड़ी या छोटे पेड़ के रूप में उगाये जाते हैँ |
यह पेड़ 18-21 मीटर या फिर उससे अधिक ऊँचाई का होता है |इसकी शाखाएं रसीली होती है बहुत नाजुक होती है |चंपा का फूल छोटा होता है| पीले रंग का केंद्र के साथ सफ़ेद रंग में होता है |यह फूल गुच्छो में खिलता है| पीला रंग या गुलाबी रंग जो दिखने में बहुत सुन्दर दिखाई देते हैं |
यह फूल दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाटियों में ज़्यादा पाए जाते हैं |वहाँ पर शादियों में दूल्हा दुल्हन सफ़ेद रंग के चंपा की माला एक दूसरे को पहनाते हैं |यह फूल श्रीलंका में बहुत पाया जाता है|
चंपा का फूल या फिर वृक्ष मंदिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाया जाता है |यह घर, पार्क, पार्किंग स्थल और सजावट के तौर पे लगाया जाता है |
देवी माँ ललिता अम्बिका के चरणों में चंपा का फूल और अशोक के फूल पुन्नाग के फूलों के साथ सजाया जाता है |
वास्तु की दृष्टि से सौभाग्य का प्रतीक माना गया है |चंपा को कामदेव के पांच फूलों में गिना जाता है |इसकी सुगंध से मन मोहक हो जाता है |
यह फूल तेल और इत्र में भी प्रयोग किया जाता है |इसके फूलों का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है |
यह सर दर्द में भी लाभदायक है |इसको सूंघने से भी काफ़ी हद तक सर दर्द हल्का हो जाता है |
ये ममूत्र सम्बन्धी रोग में भी फायदेमंद है |पेशाब अगर रुक रुक के आता है तो चंपा के फूलों को सुखाले और चूर्ण बना लें |पानी के साथ लें लेवे |1-2 ग्राम लेना है |
ये आँखों की जलन को दूर करता है | आँखों की समस्या से निजात पा सकते हैँ |इसकी तासीर ठंडी होती है |चंपा के फूल में उड़ानशील तेल पाया जाता है |फूलों का चूर्ण बनाये |
चर्म रोग में रामबाण सिद्ध होगा :
ये फूल घाव भरने और सूखने में मदद करता है |चमड़ी पर जलन और सूजन में लाभदायक है |
स्ट्रेस दूर करने में लाभदायक :
इसकी तासीर ठंडी होती है |इसका लैटिन नाम : मिचेलियन चंपका है |समय पे नींद ना आने की समस्या या फिर तनावग्रस्त हो तो ये फूल काम आता है |ये फूल टेम्पल फ्लावर के नाम से भी जाना जाता है |सकारात्मक ऊर्जा का एहसास देता है |आरोमा थेरेपी में काम आता है |इसका सांप और बिच्छू के काटने पर उपयोग किया जाता है |ये विष का प्रभाव रोकने में समर्थ है |उसके लिए ये एक antidote का काम करता है |
कुछ पंक्तियाँ :
चंपा तुझमें तीन गुण : रंग, रूप और वास, अवगुण तुझमें एक ही भंवर ना आये पास,
रूप तेज तो राधिके, अरु भंवर कृष्ण को दास, इस मर्यादा के लिए भंवर ना आये पास ||
Sincerity : सच्चाई
Devotion : भक्ति
Endurance :सहनशीलता
Courage : साहस
Faith :आस्था
तो मिलते हैँ अगले ब्लॉग में | नमस्ते 🙏🏻
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