नमस्ते ब्लॉग मेंबर्स!🙏🏻 आज रूबरू होते है विदेश से आयी एक खबर से | जी हाँ मैं बात कर रही हूँ एवरग्रैंड कंपनी की |चीन के रियल एस्टेट के संकट की तपिश दुनिया के अन्य देशों के अन्य देशों में भी पहुंच चुकी है |
एवरग्रैंड का निर्माण 1996 में गुआंगज़ौ, चीन में हुआ था |इसकी शुरुआत हुई का यान जो की कैंटोनिस थे | ये चीन के लखपतियों में से एक है और एवरग्रैंड के चेयरमैन है |इनका जन्म 9 अक्टूबर 1958 को हुआ था |
कंपनी ने भारी कर्ज लिया था जिसे वो चुका नहीं पा रही है |अमेरिकी बाज़ारो में 2 दिनों से लगातार गिरावट है |सोमवार को घरेलु शेयर बाजार में भारी गिरावट आयी थी |
इस कंपनी का विस्तार 280 से ज़्यादा शहरो में है |कंपनी के पास 1300 बड़े प्रोजेक्ट है |जब कुछ साल पहले प्रॉपर्टी मार्किट में उछाल आया था तब इस कंपनी ने teziसे अपना विस्तार शुरू किया | ग्रोथ का
फायदा उठाने के लिए ज़्यादा पैसे लगाए थे |इसी के साथ स्टील, केमिकल इंडस्ट्री को भी नुकसान हुआ है |
इसकी वजह से दुनिया के बड़े कारोबारियों को भी काफ़ी नुकसान उठाना पड़ रहा है |जैसे जेफ बेज़ॉस,एलोन मस्क | इन लोगों की संपत्ति को भी नुकसान हुआ है |
इस संकट को लेहमान क्राइसिस जैसा बताया जा रहा है |
लेहमन संकट क्या था?
15 सितम्बर 2008 की बात है |अमेरिका की बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स ने आधिकारिक तौर पर खुद को दिवालिया घोषित कर दिया |इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था ने मंदि की राह पकड़ ली और भारत समेत दुनियाभर में धाराशयी हो गई |
ठीक ऐसे ही चीन की एवरग्रैंड कंपनी के साथ हो रहा है जिससे ग्लोबल इकॉनमी पर इसका असर और गहरा हो सकता है |
एवरग्रैंड चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है |
बताया जाता है की इस कंपनी ने इतनी ईमारत बनाके खड़ी करदी की अब वो सारी इमारते भूतिया कहलाती है | कंपनी ने कर्ज़ा चुकाया नहीं इसलिए इसके ढेरो प्रोजेक्ट्स ऐसे ही पड़े है | और जिन्हों बिल्डिंग्स बनवाई थी अब वो लोग धरने पे बैठ गए है और मांग कर रहे है की उनके पैसे उन्हें वापस मिल जाये |लोगो ने सोचा की चीन की सरकार इसकी मदद के लिए आगे आएगी पर लगता है सरकार भी साथ नहीं देगी |
आज इस कंपनी ने अपनी दूसरी डेडलाइन मिस करदी है |
इस तरह से धीरे धीरे चीन की इकॉनमी का बुलबुला फुटने लगा है |
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